जादुई कंचे
[ जादूई कंचे ]
पार्ट (6)
Recap.......
" देखो यह मैं गुड्डू के हाथो से छीनकर लाया हूं "
" जरूर इसमें कोई रहस्य है "
" खैर अब ये मेरे पास रहेगा "
" और रात को " झिमकु के करीब आकर
" और रात को हम इसका फायदा उठाएंगे "
" जब भीं मूंगा नगर की लाइट गुल होगी "
" हम चोरी करेंगे, डाका डालेंगे "
" हुकाला, हा हा हा हा हा, हंसते हुए ).........
अब आगे .…...✍️
अगले दिन सुबह गुड्डू की सुपर पावर टीम घर के बाहर खड़ी बाते कर रही थी
कुछ दूरी से एक व्यक्ति आया और गुड्डू से बोला
गुड्डू भाई ! गुड्डू भाई !
क्या तुमने मेरा स्कूटर देखा
" क्या हुआ साहब बताइए " गुड्डू ने आश्चर्य होकर पूछा ।
उस व्यक्ति ने बताया कि
" कल रात को जब में ड्यूटी से लौटा तो स्कूटर घर के बाहर
ही खड़ा किया था लेकिन अब वहां नही है "
तभी एक और व्यक्ति
गुड्डू भाई ! गुड्डू भाई ! चिल्लाता हुआ आया
" मैं लूट गया बर्बाद हो गया " मेरे घर के सभी जेवर चोरी हो गए "
" कुछ करो गुड्डू "
इसके बाद एक बूढ़ी महिला और आई
गुड्डू बेटे ! गुड्डू बेटे !
" मेरे बेटे की साइकिल चोरी हो गई कुछ करो "
" पिंटू लगता है नगर में कुछ चोर घुस आए है " गुड्डू ने पिंटू से कहा।
गुड्डू सभी की ओर देखकर बोलता है
"आप सभी पुलिस स्टेशन में जाकर रिपोर्ट लिखाओ "
" मैं पता लगाता हूं आखिर मूंगा नगर में किसने चोरी करने की हिम्मत की "
" चलो टीम नगर में पूछताछ शुरू करते है " गुड्डू ने सुपर पावर टीम को आदेश दिया ।
सबसे पहले गुड्डू ने एक चायवाले की दुकान से की शुरुआत की " तुमने रात कुछ लोगो को चोरी करते देखा क्या " गुड्डू ने हलवाई से पूछा
" नही गुड्डू भाई मैने नही देखा " चायवाला बोला ।
तोता मिठ्ठू गुड्डू के साथ साथ उड़ रहा था ।
ऐसे ही अलबेला ने मिठाई की दुकानवाले से पूछा,
गुड़िया ने पान की दुकान वाले से पूछा,
पिंटू ने सब्जी वाले से पूछा लेकिन सबका जवाब वही था कि
" नही हमने नही देखा "
टीम वापस एक जगह इकठ्ठी हो जाती है और सोचने लगती है कि चोरी में इतना माहिर कौन हो सकता है किसी ने आहट भी न सुनी और दिखाई भी नही दिया ।
उधर हुकाला चोरी करने का जश्न मना रहा था मूंगा नगर वासियों का बहुत सा माल और जेवर उसने लूट लिया था
कई जेवर उसके हाथ में लटके दिखाई दे रहे थे उधर ही बगल से खुशी में झूमते झिमकु और झेला आ गए थे और वह भी नाच नाच कर जश्न मना रहे थे ।
इधर गुड्डू और उसकी सुपर टीम परेशान दिखाई दे रही थी आखिर कौन हो सकता था हुकाला तो नही हो सकता था उसके बसकी बात नही थी ऐसा सोचकर गुड्डू और उसकी सुपर टीम किसी और पर ध्यान लगा रही थी ।
अब रात होने को आ रही थी सूरज छिप चुका था लोग दुकान बंद कर अपने अपने घरों को वापस जाने लगे थे ।
गुड्डू को एक आइडिया सुझाया - क्यों न हम आज रात से ही हर रात को मिलकर पहरा दे, चोर अगर यहां का नहीं होगा तो दोबारा चोरी करने जरूर आएगा ।
" हा गुड्डू ठीक कहा तुमने " पिंटू बोला ।
" रात को अगर लाइट गुल हो गई तो, न बाबा न, मुझे अंधेरे से बहुत डर लगता है " तोता मिठ्ठू बोला ।
" ठीक है मिठ्ठू तुम गुड़िया के साथ जाओ " मिठ्ठू से गुड्डू ने कहा ।
" गुड़िया घर पर रहेगी और घर की खिड़की से बाहर नजर रखेगी " गुड्डू ने गुड़िया से कहा ।
" ठीक है भाई "
" और हम तीनो बाहर चोरो को ढूंढेंगे " गुड्डू ने पिंटू और अलबेला से बोला ।
गुड्डू ने सबको अपने अपने काम समझाने के बाद गुड़िया को घर छोड़ा और तीन बोतल पानी कंचो की रोशनी करने के लिए लिया जो लाइट गुल हो जाने के बाद काम में लिया जाना था ।
अब तक रात भी हो चली थी गुड़िया घर में दरवाजा बंद कर खिड़की पर आ गई थी और मिठ्ठू वही खिड़किंके ऊपर साइड में बैठा नजर रखने को तैयार था ।
" चलो साथियों " गुड्डू ने जोशीले अंदाज में आवाज दी
अलबेला और पिंटू , गुड्डू के साथ चल दिए
अलबेला को रात के अंधेरे मस्ती सूझ रही थी और पिंटू नजर रखे हुए थे कहीं कोई ऐसा व्यक्ति तो नही घूम रहा जो अपने नगर का न हो ।
रात लगभग आधी हो चुकी थी कुत्ते भौंकना शुरू हो गए थे सड़क पर एक बिल्डिंग पर एक बड़ी सी घड़ी में समय साफ साफ दिखाई देता था रात के दो बज चुके थे लेकिन चोरो का तो नाम ओ निशान भी नजर नही आ रहा था ।
इंसान तो क्या पंछी परिंदा भी पर मारने नही आया तब अलबेला बोला -
" चलते चलते बोर हो गए , कोई नही आने वाला , चलो घर वापस चलते है , मुझे नींद भी आने लगी है "
तभी एक आदमी मुंह ढके, सर पर कैप लगाए लंबा सा , पहनावा उसका लॉन्ग कोट पहने हुए तेज कदमों के साथ चला आ रहा था गुड्डू की नजर उस पर चली गई थी वह करीब ही आने वाला था कि वह वापस मुड़ कर तेज कदमों के साथ आगे जाकर दाहिनी ओर मुड गया ।
गुड्डू ने अलबेला और पिंटू को यह बात बताई
" चलो पीछा करते है, जल्दी " गुड्डू ने कहा ।
गुड्डू , अलबेला और पिंटू तीनों जल्दी जल्दी से उसको पकड़ने के लिए भागे लेकिन जैसे ही सड़क के दाहिने ओर मुड़े वह व्यक्ति गायब हो चुका था । तीनो अचानक अचंभे में आ गए थे कि वह कहां गया होगा और कहां छुपा होगा चारो ओर देखा लेकिन वह नहीं दिखा ।
वह ओर कोई नही था बल्कि हुकाला था जो मुड़ते ही स्पीड के साथ कोने पर लगे पाइप से उस घर की छत पर जाकर छुप गया था और ऊपर से तीनो को देख रहा था
सोच रहा था ये तीनों रात में चोर को पकड़ने निकले थे लेकिन इन्हे यह मालूम नही वह चोर मैं था और हुकाला फिर से हंसने लगा । हा हा हा हा हा हा हा ।
सुपर पावर टीम ये पकड़ेगी मुझे हा हा हा हा हा
हुकाला नाम है मेरा चोरी करना काम है मेरा हा हा हा हा हा
गुड्डू और उसके दोनो साथी हुकाला के ना मिलने पर चोर को और आगे ढूंढने चले दिए तो एक गोल मटोल आदमी आता हुआ दिखाई दिया जो चोरो के जैसा मालूम होता था उसे गुड्डू ने रोक लिया लेकिन गुड्डू को कहां मालूम था यह हूकाला का दूसरे नंबर का चेला (झेला ) है गुड्डू ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया मैं ये सामान की पुटलिया(गठरी) में कपड़े घर ले जा रहा हूं आज बस लेट थी मैं दूसरे नगर में कपड़े बेचने गया था इसलिए लेट पहुंचा था साहब देर हो गई है घर पर बच्चे इंतजार कर रहे होंगे ।
" ठीक है जाओ " गुड्डू ने उसे छोड़ दिया और जाने दिया ।
वो मोटा आदमी झेला आराम से चोरी किया हुआ सामान गठरी बताकर चुपचाप निकल गया ।
गुड्डू ने देखा एक व्यक्ति पीछे से आ रहा लेकिन उसने अपना मुंह ढाका हुआ था चेहरे की सिर्फ एक साइड ही दिखाई दे रही दी और वह सामने की तरफ न देखकर बाई और देखते हुए चल रहा था इसका भी गुड्डू को पता न था कि यह हुकाला का पहले नंबर का चेला झिमकू है अलबेला ने उसे रोका और पूछताछ करी लेकिन उसने गूंगे होने का नाटक किया तो उस पर तरस आ गया उसके हाथ में एक पीतल का मटका था पूछताछ में उसने बताया था कि यह मटका वह अपनी बेटी की शादी में देगा झिमकु ने गूंगे की एक्टिंग में ऐसे इशारे से समझाया कि कोई उसे गूंगा नही कह सकता था ।
फिलहाल यह भी बचकर निकल गया और फिर गुड्डू अलबेला और पिंटू तीनों सड़क किनारे आगे की ओर चल
दिए..........
समाप्त शुक्रिया ✍️
लेखक : गुड्डू मुनीरी सिकंदराबादी
क्या चोरी करते हुए हुकाला या उसके चेले पकड़े जाएंगे,
हुकाला के हाथ पानी से रोशनी देने वाला कंचा क्या लगा उसने चोरी करना शुरू कर दिया था लेकिन उसका सही इस्तेमाल न करके वह उसका द्रुपयोग कर रहा था कंचे का यह रहस्य अभी न गुड्डू को मालूम था और न ही हुकाला को इस रहस्य को जानने के लिए बने रहिए ।
आने वाला पार्ट (7) जरूर पढ़े ।
गुड्डू : द सुपर हीरो " रहस्य जादूई कंचे का"
Shnaya
07-Feb-2024 07:44 PM
Nice
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Mohammed urooj khan
06-Feb-2024 01:18 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Gunjan Kamal
05-Feb-2024 11:08 AM
👏👌
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